ज़िन्दगी
- Sophia Roy
- May 23, 2017
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ज़िन्दगी ऐसी ना थी जब तुम ना थे, ज़िन्दगी अब ऐसी है जब तुम हो, ज़िन्दगी में तुम्हे अपना माना, ज़िन्दगी मे तुमसे हमेशा पास रहना चाहूँ । ज़िन्दगी मेरी जो थी अब वो तुम्हे सोपती हूँ क्यूंकि, ज़िन्दगी अब मेरी तुम्हारी है, ज़िन्दगी मै आये तुम खुशियों की बारिश बरसा के, ज़िन्दगी ये ना जानती थी की तुम खुद मेरी ज़िन्दगी बन जाओगे, ज़िन्दगी ये ना जानती थी की मेरी हर धड़कन सिर्फ तुम्हारा नाम लेगी। ज़िन्दगी यह नहीं जानती थी की मेरी साँसों मै तुम्हारी खुशबू महकेगी , ज़िन्दगी यह कुछ नहीं जानती थी पर रब जाने क्यों, ज़िन्दगी ने सिर्फ तुम्हे चुना और अपना हमसफ़र माना।
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