बीते दिनो की याद
- Rishabh Sinha
- May 23, 2017
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जब से तुझे देखा है
नींद उड़ गई मेरी।
तेरी एक मुस्कान भी काफी है दिन बनाने के लिए।
याद आता है वो दिन
जब हुई थी मुलाकात तूझसे।
थी वो शीत की एक शाम
जब तेरी नज़र मुझसे मिली थी।
हो गए कई साल जुदा हुए
लेकिन आज भी बारिश की बूंदे।
लगती है कोमल और प्यारी
जब मैं था न्यारा और तू न्यारी।
दिल करता एक बार मिले हम
फिर किसी शीत की शाम में।
ताकि खत्म हो जाए यह दूरी
न जाने क्या है मज्बूरी।
हर पल याद आती है तेरी
थी हमारी दोस्ती काफी गहरी।
न कुछ कभी हमने छुपाया
ना ही कुछ खोया और ना ही पाया।
आखिरकार आ ही गई तू
लगा मानो भूल गई हो मूझे।
जिस तरह से तूने गले लगाया
यकीन हो गया, मैं अभी भी तेरा हूँ।
जिद्गी मिलती है एक बार
मिलता है कोइ खास इसी जिद्गी मै
जीवन के अंत एक ही ख्याल आता है
और वह है बस अपने बीते दिनो की याद।
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